यूरोपीय मुद्राओं को 10 खतरें

2016 ऐसी कई घटनाओं का गवाह रहा है जिन्होंने वित्तीय बाजार को कठोर रूप से प्रभावित किया। बिल्कुल, इसमें सबसे पहला ब्रेक्सिट, यूएस के राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रम्प का चयन, साथ ही साथ यूरोपीय संघ के संभावित विघटन की नियमित अफवाहें भी, जिन्होंने विश्व की ज्यादा मुद्राओं के संघर्ष में शक्ति संतुलन को गंभीरता से बदल दिया है।

तो हमें 2017 में पौंड, डॉलर, यूरो और येन से क्या उम्मीद करनी चाहिये।

यूरोपीय मुद्रा के संदर्भ में, यह पूर्वानुमान काफी निराषावादी दिखता है। यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी) के आंकड़ों का संदर्भ देते हुए, द वॉल स्ट्रीट जर्नल यह अनुमान लगाती है कि यूरो क्षेत्र से पूंजी बहिर्गमन, 1999 में यूरो के आने के बाद से अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, और यह मुद्रा खुद भी 13 सालों के निम्न में अपडेट हुई है।

विश्लेषकों के अनुसार, ईसीबी ब्याज दर वृद्धि में परिवर्तन विद्यमान नहीं है, जबकि यूएस फेडरल रिजर्व (फेड) ने दिसंबर 2016 के मध्य में इस दर को न सिर्फ 0.25 प्रतिशत बढ़ाया, बल्कि यह 2017 में ऐसी ही तीन वृद्धियों का अनुमान भी लगाता है।

सिटीग्रुप के विषेषज्ञ यूएस मुद्रा के नियमित वृद्धि करने की उम्मीद करते हैं। इसके अलावा ब्लूमबर्ग के साथ एक साक्षात्का में बैंक के कार्यनीतिज्ञ टॉड एल्मर ने कहा थाः ‘‘हम बाजार के पहलू में संभवतः कई अन्यों की तुलना में डॉलर में ज्यादा तेज अधिमूल्यन देख सकते हैं।’’ इसका सबसे पहला कारण यह है कि आरंभिक अनुमान की तुलना में फेड ज्यादा तेजी से दरों को बढ़ाएगा। फेडरल रिजर्व के प्रमुख जैनेट येलन ने यह नोट किया कि दरों में वृद्धि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भरोसा का सूचक है, और यह है कि फेड राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा किये गये वादे के अनुसार टैक्स प्रोत्साहन में संभावित वृद्धि पर भी विचार करेगी।

नॉर्डएफक्स ब्रोकरेज कंपनी के प्रमुख विष्लेषक जॉन गॉर्डन कहते हैं, ‘‘यह संभव है कि ऐसी घटनाओं के मद्देनजर, जो कि यूरोप में घटित हो सकती हैं, ब्रेक्सिट एक सिरदर्द की तरह लगने लगे। कुछ कारणों से, जोखिमों के सूचीकरण करते समय आमतौर पर केवल जर्मनी और फ्रांस में होने वाले चुनावों और शरणार्थियों के संकट पर चर्चा की जाती है। लेकिन असल में, ऐसे खतरें जिनका सामना यूरो करता है, उनकी सूची इनके द्वारा वर्णन खतरों से ज्यादा है। मैं कम से कम छः या सात अन्य खतरों के नाम ले सकता हूं।’’

‘‘किसी ने अचानक ही यह फैसला ले लिया कि 2015 के ग्रीष्म में ग्रीस का आर्थिक संकट अपने चरम पर पहुंच गया था। लेकिन यह सच नहीं है - यह कहना उपयुक्त होगा कि 2016 के अंत तक, ग्रीक निवासियों का कर ऋण इस देश के वास्ते 94.2 बिलियन यूरो के एक विषाल आंकड़े पर पहुंच गया। जल्द ही इसके 100 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है, जबकि इसके उल्टा होने, सकारात्मक गति पकड़ने का कोई कारण नहीं दिखता।’’

’’ग्रीक जैसी ही वित्तीय समस्याओं को इटली और स्पेन में भी देखा जा सकता है। हालांकि, ग्रीक संकट के विपरीत, ये इन देषों की संबंधित आबादी के कुछ हिस्सों के बीच में पृथकवादी मनोभावों से तीव्र हैं। दिसंबर में इटली में जनमतसंग्रह या स्पेन में मैड्रिड और कैटलन प्राधिकरणों के बीच के तनाव को याद कीजिये।’’

‘‘चलिये इसमें ऑस्ट्रिया में अत्यधिक अधिकार के उदय, हंगरी में शरणार्थी नीति से नाखुशी और तुर्की व यूरोप के बीच खराब होते रिष्तें, जिसके पीछे राष्ट्रपति एर्डोगन ने एक बार फिर से रूस के साथ रिश्ते बनाना आरंभ कर दिया है, उनको भी जोड़ते हैं।’’

नॉर्डएफएक्स के इस विष्लेषक ने आगे कहा, ‘‘कई सारे यूरोपीय संघ के देषों में इस होने वाले इन सभी स्थानीय और संसदीय चुनावों को जोड़ने के बाद ही, हम यह महसूस करना आरंभ करेंगे कि पूरे यूरोपीय संघ खासतौर पर यूरो के लिये कठिन समय आने वाला है।’’

‘‘काश कि कुछ महीने पहले बड़े मुद्रा खिलाड़ियों ने यूरो के भविष्य को लेकर कुछ आषावाद बनाए रखा होता, अब उनमें से कईयों ने नीचे की ओर जाते अपने पूर्वानुमान को परिशोधित कर दिया है।’’

‘‘ब्रिटिष फर्म आईएचएस मार्किट के अनुसार, 2017 के अंत तक यूरो डॉलर की बराबरी पर पहुंच जाएगा। रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड के विष्लेषक इस मत को स्वीकार करते हैं। एक माह में 80 बिलियन यूरो की आस्तियों को खरीदने के ईसीबी के कार्यक्रम के विस्तार के कारण, वे कहते हैं कि यूरो/यूएस डाॅलर का जोड़ा 1.00-1.10 की रेंज में रहने में सक्षम होगा। लेकिन प्रमुख निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स ने अपने पूर्वानुमान को कम करते इसे बराबरी से नीचे रखा है, 1.00 से 0.90 के बीच।

यदि हम ब्रिटिश मुद्रा की बात करें, तो ब्रैक्सिट के बावजूद (या फिर उसके कारण ही), इसका भविष्य यूरो की तुलना में ज्यादा आशावादी दिखाई देता है।

जेपीमॉर्गन के बैंकर्स यह मानते हैं कि जीबीपी का मूल्य 5 से 10 प्रतिषत तक बढ़ या घट सकता है, जो कि सिंगल बाजार को एक्सेस करने से संबंधित यूके सरकार के कार्यों पर निर्भर करता है। जेपी मॉर्गन के पॉल मेगयेसी कहते हैं, ‘‘पौंड अस्थिरता की आवधिक पारी का सामना कर रहा है और यह राजनीतिक निर्णयों के आधार पर कई बार दिषा बदल सकता है।’’ इसके पूर्वानुमान की बात करें, तो बैंक के विशेषज्ञ मानते हैं कि 2017 के अंत तक जीबीपी/यूएसडी का जोड़ा 1.26 के क्षेत्र में रहेंगे।

एएनजेड बैंक और एबीएन आमरो के मुद्रा कार्यनीतिज्ञ मानते हैं कि पौंड डॉलर की तुलना में कमजोर रहेगा, लेकिन यूरो की तुलना में अपनी स्थिति को मजबूत करेगा। एबीएन आमरो के विश्लेषक जॉर्जेट बोएले कहते हैं, ‘‘ऐसा इसलिये क्योंकि यूरो क्षेत्र में राजनीतिक अनिश्चितता पूरे बोर्ड में यूरो पर दबाव डालेगी। ब्रैक्सिट अब वित्तीय बाजार में ध्यान का केन्द्र नहीं रह गया है, तो पौंड के अपेक्षाकृत स्थिर रहने की संभावना है।’’

रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड के अनुसार, यूएसडी/जेपीवाई का जोड़ा 2017 के पूरे साल 110-120 की रेंज पर व्यापार करेगा, क्योंकि बैंक ऑफ जापान आर्थिक नीति मापदंडों को स्थिर रखेगी और 10-साल के बॉन्ड (जेजीबी) पर आय को लगभग शून्य ही रखेगी। आईएचएस मार्किट के विशेषज्ञों के संदर्भ में, वे मानते हैं कि डॉलर के मजबूत होने के कारण यह जोड़ा 126 के चिन्ह तक पहुंचेगा।

नॉर्डएफएक्स के जॉन गॉर्डन कहते हैं, ‘‘ट्रम्प के प्रषासन के कार्यों और फेड द्वारा दरों को बढ़ाने के कारण महंगाई बढ़ेगी और यूएस डॉलर पर निर्भर कई अन्य देशों की राष्ट्रीय मुद्रा कमजोर होगी।’’ इसी के साथ ही, ब्लूमबर्ग के अनुसार, जब हम उदीयमान बाजारों पर विचार करें तो रूसी रूबल 2017 में निवेशकों के लिये बेहद उत्साहजनक लगता है। यूबीएस ग्रुप के अनुसार एजी का अनुमान है कि प्रभार व्यापार कार्यनीति में रूबल के निवेश पर रिटर्न 26 प्रतिशत रहेगा, और यह यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका के बाजारों के बीच सबसे अच्छा परिणाम होगा।

यूएसए के कार्यों से संबंधित जोखिमों पर कम निर्भरता वाले आकर्षक देशों की सूची में मेक्सिको, ब्राजील, चिली, दक्षिण अफ्रीका, भारत और इंडोनेशिया शामिल है।

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